135 करोड़ की आबादी में
एक शख्स अच्छा लगा।
अगर वो भी ना मिले तो…
ऐ खुदा..शिकायत तो बनती है।
बहुत मतलबी है, यहां के लोग।
पहले आदत बनते हैं,
फिर करीब आते हैं।
और जब प्यार हो जाए तो…
साथ छोड़ जाते हैं।
तुमने तो बात करना ऐसे छोड़ दिया,
जैसे सदियों से बोझ थे, हम तुम पर।
हम बुरे जरूर हैं।
मगर किसी के साथ
मतलब और टाइमपास का
रिश्ता नहीं बनाते।
जरूरी नहीं हर शिकायत
शब्दों में ही की जाए।
कुछ नाराजगियां चुप रहकर भी
जताई जाती है।
हर रिलेशन में ऐसा ही होता है।
एक बात करने के लिए तड़प रहा होता है,
और दूसरे को…
उसकी कोई कदर ही नहीं होती है।
सबके असली रंग दिख गए हैं।
इसलिए किसी से…
सीधी बात करने का मन नहीं करता अब।
अपनी खुशी से पहले
मुझे दूसरों की खुशी का ख्याल आता है।
पर अफसोस…
मुझे फिर भी कोई नहीं समझ पाता है।
ज्यादा बात नहीं होती
अब हमारी उनके साथ।
अगर होती भी है, तो
ऐसा लगता है, जैसे वो
जबरदस्ती बात कर रहे हो।
अब नहीं आएंगे वापिस लौटकर
आपकी जिंदगी में।
आपको जिससे बात करके खुशी मिले,
आप उसी से बात करो।
ना जाने मुझे अब क्यों ऐसा लगता है, कि
अपने मन की बात…
अपने तक ही रखनी चाहिए।