जिंदगी ने मेरे मर्ज का
कुछ ऐसा इलाज बताया।
वक्त को दवा कहा और
ख्वाहिशों से परहेज सुनाया।
जिंदगी कहां रुलाती है।
रुलाते तो वो लोग हैं…
जिन्हें हम अपनी जिंदगी
समझ बैठते हैं।
जिंदगी ने मेरे मर्ज का
कुछ ऐसा इलाज बताया।
वक्त को दवा कहा और
ख्वाहिशों से परहेज सुनाया।
जिंदगी कहां रुलाती है।
रुलाते तो वो लोग हैं…
जिन्हें हम अपनी जिंदगी
समझ बैठते हैं।